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मासिक धर्म के सभी दोष ओर उसके उपाय , (All the defects of periods and their remedies)

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1. किशमिश : पुरानी किशमिश को 3 ग्राम की मात्रा में लेकर इसे लगभग 200 मिलीलीटर पानी में रात को भिगोकर रख दें। सुबह इसे उबालकर रख लें। जब यह एक चौथाई की मात्रा में रह जाए तो इसे छानकर सेवन करने से मासिक-धर्म के सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। 2. तिल 5 ग्राम को गुड़ में मिलाकर माहवारी (मासिक) शुरू होने से 4 दिन पहले सेवन करना चाहिए। जब मासिक धर्म शुरू हो जाए तो इसे बंद कर देना चाहिए। इससे माहवारी सम्बंधी सभी विकार नष्ट हो जाते हैं। लगभग 8 चम्मच तिल, एक गिलास पानी में गुड़ या 10 कालीमिर्च को (इच्छानुसार) पीसकर गर्म कर लें। आधा पानी बच जाने पर 2 बार रोजाना पीयें, यह मासिक-धर्म आने के 15 मिनट पहले से मासिकस्राव तक सेवन करें। ऐसा करने से मासिक-धर्म खुलकर आता है। 14 से 28 मिलीलीटर बीजों का काढ़ा एक ग्राम मिर्च के चूर्ण के साथ दिन में तीन बार देने से मासिक-धर्म खुलकर आता है। तिल, जौ और शर्करा का चूर्ण शहद में मिलाकर खिलाने से प्रसूता स्त्रियों की योनि से खून का बहना बंद हो जाता है। 3. ज्वार : ज्वार के भुट्टे को जलाकर इसकी राख को छान लें। इस राख को 3 ग्राम की मात्रा में पानी से सुबह के समय खाली पेट मा...

स्तन की सौंदर्य, (breast beauty)

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स्त्री की सौंदर्यता को बनाये रखने में उनके स्तन की अपनी विशेष भूमिका मानी जाती है क्योंकि स्तन मण्डल (वक्षस्थल) यदि ढीले और कमजोर होते हैं, तो उसकी शरीर सौंदर्यता कम होती है इसी प्रकार यदि स्तन आकर्षक, पुष्ट और प्राकृतिक रूप से सुडौल होते हैं तो वह नारी की सौंदर्यता को और अधिक निखार देते हैं। विभिन्न औषधियों से उपचार, (treatment with different drugs) 1. असगंध: असगंध और शतावरी को बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर लगभग 2-2 ग्राम की मात्रा में शहद के खाकर ऊपर से दूध में मिश्री को मिलाकर पीने से स्तन आकर्षक हो जाते हैं। 2. कमलगट्टेः कमलगट्टे की गिरी यानी बीच के भाग को पीसकर पाउडर बनाकर दही के साथ मिलाकर प्रतिदिन 1 खुराक के रूप में सेवन करने से स्तन आकार में सुडौल हो जाते हैं। 3. जैतून: जैतून के तेल की स्तनों पर धीरे-धीरे मालिश करने से करने से स्तनों की सुन्दरता बढ़ जाती है। 4. सुपारी पाक: मुनक्का ( द्राक्षा) 50 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर तज 3 ग्राम, तेजपात 3 ग्राम, नागरमोथा 3 ग्राम, सूखा पोदीना 3 ग्राम, पीपल 3 ग्राम, खुरासानी अजवायन 3 ग्राम, छोटी इलायची 3 ग्राम, तालीस के पत्ते 5 ग्राम, वंशलोचन...

ब्रेस्ट का छोटा होने के कारण || विभिन्न औषधियों से उपचार...

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शरीर के अन्य अंगों के अनुपात में नारी के स्तनों का छोटा रह जाना एट्रॉफी ऑफ ब्रेस्ट कहलाता है । स्तनों के अन्दर की ग्रंथियां पूर्णत: विकसित नहीं होने से इस तरह की स्थिति पैदा होती जाती है।   महिलाओं की खूबसूरती में सुडौल स्‍तन बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। हर महिला का अपना अलग साइज़ होता है, लेकिन कई महिलाओं का ऐसा मानना है कि बड़े और सुडौल स्‍तन ज़्यादा आकर्षक होते हैं। ब्रेस्ट साइज़ को लेकर किए गए कई अध्ययनों में यह भी सामने आया है कि बड़े स्तन वाली महिलाएं अन्य महिलाओं के मुक़ाबले खुद को ज़्यादा कॉन्फिडेंट महसूस करती हैं। खैर, स्तन छोटे हों या बड़े इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आपका आत्मविश्वास ही आपकी असल खूबसूरती है और यह किसी भी बॉडी टाइप में हो सकता है।    पर हमेशा से ही बाज़ार में स्तन बढ़ाने के उपाय मौजूद रहे हैं। क्या ये वाकई काम करते हैं? आज इसी पर विस्तार से बात करते हैं।   विभिन्न औषधियों से उपचार :- 1. कलौंजी : कलौंजी आधे से 1 ग्राम की मात्रा में रोज सुबह-शाम स्त्री को पिलाने से स्तन के आकार में वृद्धि हो जाती है।   2. गंभारी : गंभारी के रस और तिल के तेल ...

गुप्त रोग और उपचार || premature ejaculation disease and treatment.

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परिचय : बिना सन्तुष्टी के संभोग करते हुए अगर वीर्य स्खलन हो जाये तो उसे शीघ्रपतन कहा जाता है।   कारण : अश्लील वातावरण में रहना, मस्तिष्क की कमजोरी और हर समय सहवास की कल्पना मे खोये रहना यह शीघ्रपतन का कारण बनती है। ज्यादा गर्म मिर्च मसालों व अम्ल रसों से खाद्य-पदार्थो का सेवन करने, शराब पीने, चाय-कांफी का ज्यादा पीना और अश्लील फिल्म देखने वाले, अश्लील पुस्तकें पढ़ने वाले शीघ्रपतन से पीडित रहते हैं। लक्षण : वीर्य का पतलापन, सहवास के समय स्तंभन (सहवास) शक्ति का अभाव अथवा शीघ्रपतन हो जाना वीर्य का जल्दी निकल जाना। भोजन तथा परहेज : दिन में खाने के साथ दूध लें, मौसमी फल, बादाम, प्याज और लहसुन का प्रयोग करें।   दवा के साथ गुड़, मिर्च, तेल, खटाई, मैथुन, और कब्ज पैदा करने वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए पत्नी के साथ सहवास के साथ करते समय यह ध्यान रखें कि वाद-विवाद की उलझनों से दूर रहें। विभिन्न औषधियों से उपचार- 1. छोटी माई : छोटी माई का चूर्ण 2 से 4 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खाने से शीघ्रपतन की शिकायत दूर हो जाती है। 2. बरगद : बरगद के दूध की 20 से 30 बूंदे बतासे या चीनी पर...