पथरी का परिचय, पथरी के लक्षण, पथरी के प्रकार, बचाव के कुछ उपाय, भोजन और परहेज ||
पथरी का परिचय:
इससे पहले की हम पथरी दूर कैसे करे इसके बारे में जाने चलिए पथरी के लक्षण और कारण के बारे में पढ़ते हैं.
गुर्दे व पेट में पथरी कैसे होती है –
पेट में गुर्दे की पथरी कैसे बनती है इसकी शुरुआत कैसे होती है ? पथरी होने के पीछे खास कारण पाचन तंत्र की विकृति होती है. हम रोजाना जो भोजन करते है उसमे से कुछ पदार्थ को पाचन तंत्र नहीं पचा पाता और फिर यही पदार्थ मूत्र द्वार (पेशाब करने के जगह) पर इकट्ठे होते जाते हैं जिससे पेशाब गाढ़ी (गट्ठी ) होने लगती है.
इसी क्रिया के चलते धीरे-धीरे इन पदार्थों की मात्रा बढ़ती जाती है और फिर यह गुर्दे पथरी (बारीक पत्थर, रेत) का रूप ले लेती हैं. पथरी पेट में मौजूद इन Chemicals के कारण भी होती है Uric acid, Phosphorous, Calcium and oxalic acid.
इस तरह जब यह पदार्थ कण में बदल जाते है तो पेट में दर्द, पेशाब करने में परेशानी आना आदि गुर्दे की पथरी के लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं.
पथरी में छोटे कण दर्द नहीं देते और वह पेशाब के जरिये बाहर निकल जाते है. लेकिन अगर किसी वजह से यह कण पेशाब के जरिये बाहर नहीं निकलते तो यह कण बढ़ा रूप ले लेते हैं. और फिर आपको बड़ा असहनीय दर्द होने लगता हैं.
1. पथरी रोग मूत्र संस्थान से सम्बंधित रोग होता है।
2. पेशाब के साथ निकलने वाले क्षारीय तत्व जब शरीर में किसी कमी के कारण पेशाब की नली, गुर्दे या मूत्राशय में रुक जाते हैं तो हवा के कारण यह छोटे-छोटे पत्थर आदि का रूप ले लेते हैं।
3. पथरी छोटे-छोटे रेत के कणों से बढ़कर धीरे-धीरे बड़ी होती जाती है।
4. यह खुरदरी, चिकनी, सख्त, गोल आदि आकारों में पाई जाती है।
5. पथरी का कारण किडनी में कुछ खास तरह के साल्ट्स का जमा होना है।
6. पहले स्टोन का छोटा हिस्सा बनता है, जिसके चारों ओर सॉल्ट जमा होता रहता है।
7. पुरुषों में महिलाओं की तुलना में पथरी होने की आशंका अधिक होती है।
8. जेनेटिक कारण, हाइपरटेंशन, मोटापा, मधुमेह और आंतों से जुड़ी कोई अन्य समस्या होना भी पथरी की वजह बन सकता है।8. गुर्दे की पथरी (Gurde ki Pathri) की समस्या तब पैदा होती है जब गुर्दे (Kidney) के अंदर छोटे-छोटे पत्थर बन जाते है।
9. ये आमतौर पर मध्य आयु यानि चालीस साल या उसके बाद पता लगने शुरू होते है। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। गुर्दे की पथरी कम आयु वाले बच्चों और युवाओं में भी देखने को मिलती है।
10. मूत्र में पाये जाने वाले रासायनिक तत्वों से मूत्र के अंगों में पथरी बनती है। इन तत्वों में यूरिक एसिड, फास्फोरस कैल्शियम और ओ़क्जेलिक एसिड शामिल हैं। लगभग 90 प्रतिशत पथरी का निर्माण कैल्शियम ओक्जेलेट (Calcium Oxalate) से होता है।
11. गुर्दे में एक समय में एक या अधिक पथरी हो सकती है। सामान्यत: ये पथरियाँ बिना किसी तकलीफ के मूत्रमार्ग से शरीर से बाहर निकल जाती हैं। हालांकि, यदि ये पर्याप्त रूप से बड़ी हो जाएं, 2-3 मिमी, तो ये मूत्रवाहिनी में अवरोध उत्पन्न कर सकती हैं। इस स्थिति में मूत्रांगो के आस-पास असहनीय पीड़ा होती है।
12. गुर्दे की पथरी (Kidney Stone) का दर्द आमतौर पर काफी तेज होता है। पथरी जब अपने स्थान से नीचे की तरफ़ खिसकती है तब यह दर्द पैदा होता है। पथरी गुर्दे से खिसक कर युरेटर और फिर यूरिन ब्लैडर में आती है।
पथरी के लक्षण:
1. गुर्दे की पथरी के ज्यादातर रोगी पीठ से पेट की तरफ आते भयंकर दर्द की शिकायत करते हैं.
2. दर्द के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी होने की शिकायत भी हो सकती है
3. दर्द बाजू, श्रोणि, उरू मूल, गुप्तांगो तक बढ़ सकता है, यह दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बना रहता है तथा बीच-बीच में आराम मिलता है
4. पथरी के लक्षण और चिन्ह पेशाब के पत्थरों का आकार जगह, साइज और पेशाब के बहाव में अवरोध के पैमाने पर निर्भर करता है
5. पीठ के निचले हिस्से में अथवा पेट के निचले भाग में अचानक तेज दर्द, जो पेट व जांघ के संधि क्षेत्र तक जाता है
6. यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं ; बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में रक्त भी आ सकता है।
7. अंडकोशों में दर्द, पेशाब का रंग असामान्य होना
8. यह दर्द रह-रह कर उठता है और कुछ मिनटो से कई घंटो तक बना रहता है इसे ”रीलन क्रोनिन” कहते हैं यह रोग का प्रमुख लक्षण है, इसमें मूत्रवाहक नली की पथरी में दर्दो पीठ के निचले हिस्से से उठकर जांघों की ओर जाता है
गुर्दे की पथरी के लक्षण कौन कौन से होते हैं
- गुर्दे की पथरी का दर्द रुक-रुक कर होता है. जैसे 10 minutes के लिए दर्द होना और फिर अचानक व धीरे-धीरे दर्द का गायब होना.
- पथरी के कारण कमर में भी दर्द होता है
- पेशाब करते समय दर्द होना
- पेशाब का रंग बदलना, पिला, गन्दा (Cloudy) colour में पेशाब का आना
- कभी कभार यह पेशाब भूरी, गुलाबी और लाल रंग में भी आती है
- पेशाब में से अजीब से बदबू आना भी पथरी होने का लक्षण होता है
- भुखार आना, उलटी करना आदि
- पथरी के दौरान रुक-रुक कर पेशाब आने लगती हैं
- पथरी का दर्द बहुत असहनीय होता है आप इसमे न तो ठीक से बैठ पाते है, न खड़े रह पाते हैं और ना ही ठीक से सो पाते है.
- अगर आपको भी ऐसा पेट दर्द होता हो तो समझ लीजिये की यह पथरी के होने का लक्षण है.
पथरी के प्रकार:
किस लापरवाही से होती है गुर्दे or पित्त की पथरी
ज्यादातर बिमारियों के होने के पीछे एक ही वजह होती है और वह है कम पानी पीना, यह जानते हुए भी की हमारा शरीर 75 percent पानी से बना हुआ होता है फिर भी
बचपन में मिटटी, इट आदि पदार्थ को खाना
ऐसी चीजों को खाना जिनमे धूल, बारीक-बारीक रेत के कण मौजूद हो
बताई गई जानकारी खासकर पित्त व गुर्दे की पथरी होने की वजह होती है
बहुत बार हम जोर से पेशाब आने पर भी पेशाब नहीं करते, यह भी गुर्दे की पथरी के लिए लापरवाही है. पेशाब आने पर पेशाब न रोके.
1. सबसे आम पथरी कैल्शियम पथरी है। पुरुषों में, महिलाओं की तुलना में दो से तीन गुणा ज्यादा होती है। सामान्यतः 20 से 30 आयु वर्ग के पुरुष इससे प्रभावित होते है। कैल्शियम अन्य पदार्थों जैसे आक्सलेट (सबसे सामान्य पदार्थ) फास्फेट या कार्बोनेट से मिलकर पथरी का निर्माण करते है। आक्सलेट कुछ खाद्य पदार्थों में विद्यमान रहता है।
2. पुरुषों में यूरिक एसिड पथरी भी सामान्यतः पाई जाती है। किस्टिनूरिया वाले व्यक्तियों में किस्टाइन पथरी निर्मित होती है। महिला और पुरुष दोनों में यह वंशानुगत हो सकता है।
3.मूत्रमार्ग में होने वाले संक्रमण की वजह से स्ट्रवाइट पथरी होती है जो आमतौर पर महिलाओं में पायी जाती है। स्ट्रवाइट पथरी बढ़कर गुर्दे, मूत्रवाहिनी या मूत्राशय को अवरुद्ध कर सकती है।
बचाव के कुछ उपाय:
1. पथरी के मरीज को दिन में कम से कम 5-6 लीटर पानी पीना चाहिये। पथरी होने पर पर्याप्त जल पीयें ताकि 2 से 2.5 लीटर मूत्र रोज बने। अधिक मात्रा में मूत्र बनने पर छोटी पथरी मूत्र के साथ निकल जाती है
2. आहार में प्रोटीन, नाइट्रोजन तथा सोडियम की मात्रा कम हो।
3. ऐसा भोजन करें जिनमें आक्जेलेट् की मात्रा अधिक हो; जैसे चाकलेट, सोयाबीन, मूंगफली, पालक, आदि के साथ कोल्ड ड्रिंक्स से दूर रहें।
4. नारंगी आदि का रस (जूस) लेने से पथरी का खतरा कम होता है।
5. डॉक्टर पथरी के मरीजों को अंगूर और करेला आदि भी खाने की सलाह देते हैं।
6. विटामिन-सी की भारी मात्रा न ली जाय।
भोजन और परहेज:
1. पथरी रोग से ग्रस्त रोगी को रोजाना नारियल का पानी पिलाना चाहिए।
2. रोगी को भोजन में ऐसे पदार्थों का सेवन कराना चाहिए जो पचने में बहुत ही आसान हो।
3. पथरी से ग्रस्त रोगी को पुराने चावल, अदरक, दूध, नींब का रस देते रहना चाहिए।
4. पथरी के रोगी को मीठे पदार्थ, घी, मक्खन, शराब, चीनी, मांस, चाय, कॉफी और उत्तेजक पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए।
5. पथरी के रोगी को मौसम के अनुसार अगर गन्ने का रस या कुलथी का पानी मिल जाए तो वो पीना चाहिए क्योंकि यह गुर्दे की अच्छी तरह से सफाई कर देते हैं।
नीम्बू का रस व ओलिव आयल:
1. नीम्बू का रस व ओलिव आयल का कॉम्बिनेशन गाल ब्लाडर पथरी को ठीक करने में बहुत अधिक कारीगर है. इससे किडनी स्टोन को भी ठीक किया जाता है. नीम्बू में मौजूद साईट्रिक एसिड कैल्शियम से बनने वाली पथरी को शरीर के अंदर ही नष्ट कर देता है, व उसकी ग्रोथ को पूर्णत ख़त्म कर देता है.
2. 4 चम्मच नीम्बू के रस में सामान मात्रा में ओलिव आयल मिलाएं.
3. इस मिक्सचर को जरूरत के हिसाब से पानी के साथ पियें.
4. इस प्रक्रिया को दिन में 2-3 बार दोहराएँ. ऐसा आप लगातार 3 दिन तक करें.
5. अगर आपकी पथरी एक ही खुराक के बाद निकल जाती है तो आप इस प्रक्रिया को आगे जारी ना रखें. (पथरी यूरिन के द्वारा बाहर निकल जाती है|
विनेगर फायदेमंद:
Apple Cider Vinegar पथरी के पत्थरो को निकालने में मदद करता है क्योंकि इसमे Alkalinizing effects होते है जो की खून और पेशाब पर सकारात्मक असर करता है.
दो बड़ी चम्मच “Organic apple cider vinegar” लें
फिर इसमे एक छोटी चम्मच शहद Mix कर ले.
इसके बाद एक कप गर्म पानी लें और इनको आपस में Mix कर ले
इसका उपयोग दिन 2 से 3 बार करें
अनार है सहायक:
1. अनार के दाने व जूस दोनों किडनी स्टोन को बाहर निकालने में सहायक है.
2. 1 अनार के दाने या 1 गिलास अनार के जूस को रोज पियें. आपको ये ज्यादा पसंद ना हो तो आप इसके कुछ दाने सलाद में खा सकते है.
3. इसके अलावा 1 चम्मच अनार के दाने को पीस कर पेस्ट बना लें, अब इसे उबले काले चने के साथ खाएं, या उसका सूप बनाकर पियें. ये शरीर के अंदर ही स्टोन को नष्ट कर देता है.
तुलसी आयुर्वेदिक:
1. तुलसी किडनी की कोई भी बीमारी के लिए बहुत अच्छी औषधि है साथ ही ये शरीर के पुरे ओरगंस को भी स्वस्थ रखता है.
2. 1 चम्मच तुलसी का रस व शहद को मिलाएं, इसे रोज सुबह कुछ महीने तक पियें. अगर आपको शहद नहीं पसंद तो आप सिर्फ तुलसी का रस पी लें.
3. इसके अलावा आप तुलसी की कुछ पत्तियां भी चबा सकते है.
4. इसके अलावा आप तुलसी वाली चाय बनाकर पी सकते है, इसके लिए आप तुलसी की कुछ पत्तियां पानी में उबालें, उसमें 1 tsp शहद मिलाकर पियें
► तुलसी के पत्ते हर रोग में काम देते हैं, यह kidney stone का treatment भी करते है और साथ ही पेशाब के सभी रोगों को दूर करते हैं.
► एक चम्मच तुलसी के पत्तों का juice लें
► एक चम्मच शहद मिलाये
►फिर इन दोनों को आपस में Mix कर ले
►रोजाना नियम से इस पथरी के इस नुस्खे का उपयोग करे.
► इसके साथ ही रोजाना तुलसी के पत्तों को चबाने की आदत बनाये
► तुलसी के पत्तों की चाय:
पथरी के इलाज के लिए तुलसी के पत्तों की चाय से उपचार कर सकते हैं
5-6 तुलसी के पत्ते लें और इन्हें 1 cup गर्म पानी में 10 minute तक अच्छे से उबाले
फिर इसमे एक छोटी चम्मच शहद की मिलाये और चाय ठंडी हो जाने पर पिले
चोकर फलैक्स मिनिरल्स से भरा:
1. इसमें सभी तर्क के पोषक तत्व होते है, जिससे शरीर को सारे मिनिरल्स मिलते है. इसमें विटामिन व फाइबर की अधिकता होती है.
2. इसे खाने से यूरिन में कैल्शियम कम हो जाता है, जिससे पथरी नहीं बन पाती है. किडनी स्टोन होने पर फाइबर युक्त भोज्य पदार्थ अधिक लेना चाहिए.
3. ऐसे में चोकर फलैक्स सबसे बेस्ट है. इसे आप रोज खायेंगें तो स्टोन का खतरा ही कम हो जायेगा.
4. 1 बाउल फलैक्स को में मिलाकर खाने से आपको 8 mg फाइबर मिलता है, जो हमारे शरीर को जरूरत होती है. अपनी रोज की डाइट में इसे जरुर शामिल करें.
योग है सहायक:
1. किडनी की पथरी को दूर करने के लिए आप योग का सहारा भी ले सकते हैं।
2. सम्पूर्ण शरीर की तरह किडनी के सर्वांगीण स्वास्थ्य के लिए भी योग उपयोगी हैं।
3. पथरी को दूर करने के लिए आप निचे दिए हुए आसन कर सकते हैं:-1. कपालभाति 2. भुजंगासन 3. पवनमुक्तासन 4. धनुरासन 5. हलासन
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गुर्दे की पथरी का रामबाण इलाज:
1.गुर्दे की पथरी में पके हुए प्याज का रस पिने से भी आराम मिलता है।
2. किसी बर्तन में 1 गिलास पानी डाले और 1 से 2 छोटे प्याज छील कर डाले और धीमी आंच पर पकाये।
3. जब प्याज अच्छी तरह पक जाये तब इन्हें गैस से उतार ले और ठंडा होने के लिए छोड़ दे।
4. ठंडा होने पर इसे मिक्सी में डाल कर पीस ले और छान ले और 3 दिन तक इसे पिये।
5. इस उपाय से पथरी से जल्दी राहत मिलेगी।
गुर्दे की पथरी के 17 रामबाण नुस्खे:
पथरी का इलाज करने के लिए आप नारियल पानी का सेवन भी कर सकते हैं. यह भी एक तरल पदार्थ है. इसके साथ ही इसमे पथरी दूर करने वाले पदार्थ होते हैं. इसलिए रोजाना इसका सेवन करे लाभदायक रहेगा.
► मिश्री दो चम्मच, बड़ी इलाइची के 15 दाने, एक चम्मच खरबूजे के बीज की गिरी को एक ग्लास पानी में अच्छे से घोल लें. इसके बाद इसका सेवन करे. सुबह और शाम को रोजाना नियमित रूप से इसको पिए पथरी का उपचार होगा.
► अनार पेशाब से सम्बंधित सभी समस्याओं में बहुत फायदेमंद होता है. इसका उपयोग आप juice के रूप में कर सकते है या बिना juice के भी सेवन कर सकते हैं.
► पथरी निकालने के लिए के लिए आयुर्वेदिक इलाज – पके हुऐ जामुन खाने से भी पथरी ख़त्म होती है.
► आवले के चूर्ण को मूली की साथ रोजाना सुबह के समय खाये, आवला पेशाब से सम्बंधित सभी बिमारियों में बहुत फायदे देता हैं.
► चीनी और जीते को बराबर मात्रा में अच्छे से पीसकर ठन्डे पानी में मिलाकर सेवन करने से पथरी के रोग में लाभ होता है . यह आयुर्वेदिक देसी घरेलु नुस्खे में से एक हैं.
► शुद्ध और ताज़ा तुलसी के पत्तों का Juice पिने से भी पथरी में लाभ होता हैं (पथरी के घरेलु इलाज व उपाय) गर्मी के दिनों में पथरी के लिए देसी घरेलु उपाय आजमाए, रोजाना नारियल पानी पिए, तरबूज खाये, खीर खाये, पपीता खाये और भरपेट पानी पिए.
► पथरी के लिए जरुरी हैं की आपका पाचन तंत्र पूरी तरह से मजबूत हो ताकि वह हमारे द्वारा खाई गई सभी चीजों को अच्छे से चबा सके.
► कमजोर पाचन तंत्र भी पथरी होने का कारण होता है.
► दिन में 2-3 बारे रोजाना निम्बू पानी पिने से पथरी में तुरंत लाभ होता हैं
► रोजाना केले खाये यह भी लाभ देते हैं
► रोजाना किसी भी रूप में प्याज का सेवन करना बिलकुल न भूले
► अगर आप रोजाना करेले का उपयोग नही कर सकते तो सप्ताह में 2-3 तो इसका उपयोग जरूर करें
► सुबह खाली पेट Aloevera का juice पिने से भी पथरी रोग के इलाज में लाभ होता हैं.
► 2 ग्लास पानी में आधा-आधा कप सौंफ, मिश्री और सुख धनिया मिला लें और इसे रात भर पानी में भिगोये हुई छोड़ दें. सुबह इसे छानकर पिले. ऐसा करने से पथरी का उपचार होता हैं.
Kidney की Pathri में बाबा रामदेव के आयुर्वेदिक उपाय:
1. गुर्दे की पथरी निकलने के लिए दिव्या अश्मरिहर रस (Divya Ashmarihar Ras) एक आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो आप को बाबा रामदेव की पतंजलि या किसी पंसारी की शॉप से मिल जाएगी।
2. ये आयुर्वेद की दवा पथरी के टुकड़े कर के उसे मूत्र मार्ग से शरीर से बाहर निकालती है।
3. एलोपैथी से किडनी की पथरी का उपचार करना हो तो डॉक्टर पथरी निकालने के लिए ऑपरेशन की सलाह देते है, पर इस दवा के सेवन से आप पीते की पथरी और इसके दर्द से छुटकारा पा सकते है।
राजीव दिक्षित के उपचार से पथरी का इलाज:
1. 2 चम्मच सेब का सिरका (Apple cider vinegar) ले और उसमे एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर पियें। पथरी के लिए ये अच्छा घरेलु उपाय है।
2. क्रॅनबेरी जूस (लाल रंग की खट्टी बेरी) पिने से पथरी के दर्द में काफी आराम मिलता है। एक गिलास क्रॅनबेरी जूस में एक चम्मच नींबू का रस मिला कर रोजाना पिये, इससे पथरी पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाएगी।
3. 1 गिलास आनार का जूस हर रोज पीने से गुर्दे की पथरी घुल कर पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाएगी।
4. 1 गिलास अंगूर का रस रोजाना सुबह नाश्ते से पहले ले।
बिछुआ पत्ती(Nettle Leaf) का उपयोग करें:
1. बिछुआ के पत्ती किडनी और मूत्राशय में पानी प्रभाह को ठीक करती हैं जिससे पेशाब की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। साथ ही यह किडनी में क्रिस्टल्स को स्टोन में बदलने से रोकती हैं और बैक्टीरिया को खत्म करती हैं।बिछुआ की पत्तियों का पाउडर या चाय आसानी से बाजार में उपलब्ध होता है।
2. दो चम्मच बिछुआ की पत्तियों के पाउडर को एक कप गर्म पानी में मिलाएं।
3. अब इसे 10 मिनट के लिए पानी में उबालें और फिर छान लें। आपकी बिछुआ चाय तैयार है।
4. इस चाय को दिन में दो तीन बार सेवन करें।
अजवायन फायदेमंद:
1. अजवायन के पौधे के जूस में गुण होती हैं जो पथरी के दर्द में राहत प्रदान करती हैं। साथ ही, यह किडनी में स्टोन बनाने वाले पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
2. अपनी किडनी में पथरी बनने से रोकने के लिए रोज एक गिलास अजवायन के जूस का सेवन करें।
3. आप अजवायन के बीजों का सेवन भी कर सकते हैं। अजवायन के बीजों की चाय का नियमित सेवन करें।
तरबूज भी उपयोगी:
1. कैल्शियम और मैग्नीशियम या फॉस्फेट और कार्बोनेट के कॉम्बिनेशन से बनी पथरी के इलाज में तरबूज काफी फायदेमंद होता है। तरबूज में पोटैशियम होता है जो किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही यह यूरिन में एसिड के स्तर को ठीक रखता है।
2. पोटैशियम के साथ-साथ तरबूज में अत्यधिक आर्गेनिक पानी भी होता है जो किडनी से पथरी और अन्य विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। तरबूज का नियमित सेवन करने से पथरी ठीक होती है और भविष्य में दोबारा नहीं होती।
3. आप तरबूज के बीजों की चाय का सेवन भी कर सकते हैं।
राजमा (Kidney Beans):
1. राजमा में भी अत्यधिक फाइबर पाया जाता है जो किसी भी प्रकार की किडनी और मूत्राशय की परेशानी को दूर करता है।
2. ताजा हरे राजमा के बीजों को निकाल कर गर्म पानी में डाल दें।
3. अब इस पानी को हल्की आंच में तब तक उबालें जब तक कि बीज नरम न हो जाएँ।
4. अब इसे छानकर पानी अलग निकाल लें और ठंडा होने दें।
5. अब इस पानी को पी लें। इसे रोज दिन में दो तीन बार सेवन करें।
6. आप राजमा को सब्जी, जूस, सूप या सलाद बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
साबुत अनाज फाइबर युक्त:
1. अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार साबुत अनाज से बनी चीजों का सेवन करने से किडनी स्टोन होने की सम्भावना काफी कम हो जाती है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन्स, मिनरल्स फाइबर पाया जाता है।
2. साथ ही, इसमें पाया जाने वाला अघुलनशील फाइबर आंतों में मौजूद कैल्शियम के साथ जुड़कर मल के जरिये बाहर निकाल देता है।
3. इसलिए यूरिन में कैल्शियम की मात्रा कम हो जाती है और किडनी में पथरी बनने की सम्भावना भी कम हो जाती है।
4. इसलिए पथरी के मरीजों को फाइबर युक्त पदार्थों का खूब सेवन करना चाहिए।
इलायची का इस्तेमाल:
1. इलायची, शिलाजीत तथा पीपर को 3-3 ग्राम की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम खायें। इससे गुर्दे की पथरी गलकर निकल जाती है।
2. पथरी होने पर इलायची का सेवन करने से लाभ मिलता है।
3. इलायची, पीपल, महुआ, पाषाण भेद, गोखरु, अड़ूसा तथा एरण्ड की जड़ को 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर जौकुट (मोटा कुटना) कर लें। इसका काढ़ा बनाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है।
जवाखार प्रयोग में लाये:
1. 2-2 ग्राम जवाखार और चीनी को मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से पेट की गैस खत्म हो जाती है।
2. जवाखार, गोखरू तथा पथरचटा को 2-2 ग्राम की मात्रा में एकसाथ मिलाकर पानी के साथ लेने से पथरी में लाभ मिलता है और लगातार दो महीने तक इसका सेवन करने से पथरी घुलकर निकल जाती है।
3. 5-5 ग्राम जवाखार, सुहागा तथा कलमीशोरा को एकसाथ मिलाकर कूटकर चूर्ण बना लें।
4. इसमें से 1-1 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम मूली के रस या कुलथी के रस में मिलाकर पीयें। इससे गुर्दे व मूत्राशय की पथरी गलकर निकल जाती है।
5. जवाखार 2 ग्राम तथा सुहागा 2 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में गोखरू का 20 मिलीलीटर रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीयें। इससे पथरी गलकर निकल जाती है
नीम आयुर्वेदिक:
1. नीम का काढ़ा बनाकर पीने से पेट की पथरी गल जाती है तथा पेट दर्द में आराम मिलता है।
2. नीम के पत्तों की 20 ग्राम राख को थोड़े दिनों तक लगातार पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से पथरी में लाभ मिलता है।
3. 120 ग्राम नीम के पत्तों को पीसकर, 2 लीटर पानी में डालकर उबाल लें, जब चौथाई पानी बच जाये, तब इसे नीचे उतारकर बफारा(भाप) देने से पथरी निकल जाती है।
4. नीम के 2 ग्राम पत्तों को 50 से 100 मिलीलीटर तक पानी में पीसकर छान लें, 45 दिनों तक सुबह, दोपहर और शाम को इस पानी को पीने से पथरी गलकर निकल जाती है।
5. 1 चम्मच नीम के पत्तों की राख को ठंड़े पानी से दिन में 3 बार रोजाना सेवन करने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी गलकर बाहर निकल जाती है।
पानी का इस्तेमाल करे:
1. आप पानी से भी पथरी का उपचार शुरू कर सकते है।
2. रोजाना 5 से 6 लीटर पानी पिना अच्छा है और अगर बियर का सेवन कर सकते है तो इससे भी पथरी का उपचार करने में फायदा मिलता है।
गाजर फाइबर युक्त:
1. मूत्राशय की सूजन दूर करने और गुर्दो की सफाई के लिए 150 मिलीलीटर गाजर, चुकन्दर, ककड़ी या खीरे का रस एक साथ मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। गुर्दे और मूत्राशय की पथरी को `गाजर का रस तोड़कर बाहर निकाल देता है।
2. गाजर का रस रोजाना 3-4 बार पीने से पथरी निकल जाती है। गाजर के बीजों को पीसकर फंकी लेने से पथरी में आराम मिलता है।
3. गाजर का रस निकालकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीयें। यह पित्ताशय (पित्त से होने वाली) पथरी को गला देती है।
4. गाजर और शलगम के 1-1 चम्मच बीजों को मोटी मूली को खोखला करके उसमें भर दें। मूली के मुंह को बन्द करके आग में भून लें। मूली के अन्दर से बीजों को निकालकर प्रतिदिन सुबह-शाम पानी के साथ 1 महीने तक सेवन करने से पथरी रोग ठीक हो जाता है।
5. गाजर, मूली तथा शलगम के बीजों को 5-5 ग्राम की मात्रा में पीसकर चटनी बना लें। प्रतिदिन सुबह-शाम 3-3 ग्राम की मात्रा में यह चटनी पानी के साथ 15 दिन तक लेने से पथरी गलकर निकल जाती है।
6. 250 मिलीलीटर गाजर का रस और सलाद के पत्तों का रस मिलाकर पीने से पथरी गलकर पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है।
सहजन बहुमूल्य:
1. सहजन की जड़ का काढ़ा बनाकर गुनगुना करके पीने से पथरी रोग ठीक हो जाता है।
2. सहजन तथा वरुण की छाल का काढ़ा बनाकर इसमें आधा ग्राम यवक्षार मिलाकर पीने से पथरी जल्द घुलकर नष्ट हो जाती है। लेकिन इसका सेवन कुछ दिनों तक लगातार करना चाहिए।
3. सहजन की सब्जी बनाकर खाने से गुर्दे व मूत्राशय की पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।
मूली है अच्छी:
1. 40 मिलीलीटर मूली के रस में 30 ग्राम अजमोद को मिलाकर पीने से पथरी गल जाती है तथा मल साफ होता है।
2. मूली के रस में आधा ग्राम जौखार का चूर्ण (पाउडर) मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से पेड़ू (नाभि के नीचे का हिस्सा) का दर्द, पेट में गैस बनना और पथरी रोग आदि ठीक हो जाते हैं।
3. एक गिलास पानी रात को सोते समय रखें। सुबह उस पानी में मूली का रस 2 ग्राम मिलाकर पीयें। इसको पीने से पथरी गलकर निकल जाती है
4. 30 से 35 ग्राम मूली के बीजों को दो कप पानी में डालकर गर्म करें। जब एक कप पानी बच जाए तो इसे पी लें। इस तरह प्रतिदिन सुबह-शाम एक-एक कप पीने से मूत्राशय की पथरी गलकर निकल जाती है।
5. मूली के पत्तों के रस में कलमीशोरा डालकर सेवन करने से पथरी खत्म हो जाती है या मूली के 40 ग्राम बीजों को लगभग 500 मिलीलीटर पानी में मिलाकर गर्म करें, जब पानी आधा हो जाए तो इसका सेवन करने से पथरी रोग दूर होता है।
6. मूली का रस 30 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन 3 से 4 बार पीने से पथरी नष्ट होकर पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है।
7. मूली के बीजों को पानी में डालकर उबाल लें। जब आधा पानी शेष रह जाए तो छानकर पीने से पथरी की विकृति नष्ट हो जाती है।
8. मूली का इस्तेमाल करने से पथरी के छोटे-छोटे कण मूत्र द्वारा बाहर निकल जाते हैं। इस रोग को ठीक करने के लिए मूली के क्षार का भी प्रयोग भी किया जा सकता है।
9. 35 ग्राम मूली के बीजों को आधा लीटर पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी आधा शेष रह जाए तब छानकर पी लें। यह प्रयोग कुछ दिनों तक करने से मूत्राशय (वह भाग जहां पेशाब एकत्रित होता है) की पथरी चूर-चूर होकर पेशाब के साथ बाहर आ जाती है। यह प्रयोग 2 से 3 महीने निरन्तर जारी रखें। मूली का रस पीने से पित्ताशय की पथरी बनना बन्द हो जाती है।
10. मूली की शाखाओं का रस 100 मिलीलीटर निकालकर दिन में 3 बार (सुबह, दोपहर और शाम) पीने से पथरी टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाती है।
11.मूली के पत्तों के 10 मिलीलीटर रस में 3 ग्राम अजमोद मिलाकर दिन में 3 बार पीने से पथरी गलकर निकल जाती है।
12. मूली में गड्ढ़ा करके उसमें शलगम के बीज डालकर गुंथा आटा ऊपर लपेटकर अंगारों पर सेंक लें, इसके बाद आटे को अलग करके भरता बना लें और इसका सेवन करें। इसका कुछ दिनों तक सेवन करने से पथरी टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाती है।
पथरचटा (पत्थर फोड़ा) उपयोगी:
1. 10 ग्राम पथरचटा तथा 5 ग्राम कालीमिर्च को 50 मिलीलीटर पानी में मिलाकर पीसकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम 10 से 15 दिन तक खायें। इससे गुर्दे की पथरी गलकर निकल जाती है।
2. 20 ग्राम पथरचटा की हरी पत्तियों को पानी के साथ बारीक पीस लें तथा उसमें चीनी मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीयें। यह पानी सभी प्रकार की पथरी को ठीक करता है।
मेहंदी भी फायदेमंद:
1. 10 ग्राम मेहंदी के हरे पत्तों को 500 मिलीलीटर पानी में डालकर उबालें। जब पानी उबलकर 150 मिलीलीटर बच जाए तो उसे छानकर पी जाएं। लगातार 15 दिन तक सुबह-शाम यह पानी पीने से दोनों प्रकार की पथरी गलकर निकल जाती है।
2. 500 मिलीलीटर पानी में 6 ग्राम मेहंदी के पतों को उबाल लें, जब पानी 150 मिलीलीटर शेष रह जाए तब इसे छानकर गर्म करके रोगी को पांच दिनों तक पिलाने से पथरी मल के रास्ते बाहर निकल जाती है तथा गुर्दे के रोगों में आराम मिलता है।
3. रात को 10 ग्राम मेहंदी की छाल को मिट्टी के बर्तन में उबालकर रखें। सुबह इसको छानकर पीने से गुर्दे की पथरी गलकर निकल जाती है।
प्याज का कमाल:
1. प्याज के दो चम्मच रस में मिश्री मिलाकर पीने से 20 से 25 दिनों के अन्दर ही पथरी गलकर नष्ट हो जाती है।
2. प्याज के रस में चीनी डालकर शर्बत बनाकर पीने से पथरी कट-कटकर बाहर निकल जाती है।
3. 50 मिलीलीटर प्याज के रस को सुबह खाली पेट रोजाना पीते रहने से गुर्दे व मूत्राशय (पेशाब के एकत्रित होने का स्थान) की पथरी टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाती है।
4. प्याज के 10-20 मिलीलीटर ताजा रस को दिन में 3 बार तक 3 महीने तक पीने से गुर्दे और मसाने की पथरी गलकर निकल जाती है और पेशाब साफ हो जाता है।
जामुन है लाजवाब:
1. जामुन की गुठलियों को सुखाकर तथा पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें। इसमें से आधा चम्मच चूर्ण को पानी के साथ सुबह-शाम लेने से गुर्दे की पथरी नष्ट हो जाती है।
2. पके हुए जामुन खाने से पथरी रोग में आराम मिलता है। जामुन की गुठली का चूर्ण दही के साथ खाना चाहिए।
आम के पत्ते प्रयोग में ले:
1. आम के पत्तों को सूखाकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लें। प्रतिदिन सुबह-शाम इसका 2 चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेने से कुछ दिनों में ही पथरी गलकर पेशाब के द्वारा निकल जाती है।
2. आम के ताजे पत्तों को छाया में सुखाकर बारीक पीस लें और 8 ग्राम बासी पानी के साथ सुबह के समय इसकी फंकी लें। इससे कुछ ही दिनों में पथरी गलकर नष्ट हो जाती है।
3. आम के मुलायम व ताजा पत्तों को छाया में सुखाकर बारीक पीस लें। इस चूर्ण को एक चम्मच प्रतिदिन सुबह बासी मुंह पानी के साथ लें। इससे पथरी रोग में लाभ मिलता है।
अंगूर है वरदान:
1. अंगूर के रस में थोड़ी सी केसर मिलाकर पीने से पथरी गलकर ठीक हो जाती है।
2. कालीदाख (काला अंगूर) की लकड़ी की राख 10 ग्राम को पानी में घोलकर दिन में दो बार पीने से मूत्राशय की पथरी नष्ट हो जाती है।
3. अंगूर की 6 ग्राम भस्म को गोखरू के 40-50 मिलीलीटर काढ़े या 10-20 मिलीलीटर रस के साथ पीने से पथरी नष्ट हो जाती है।
4. 8-10 मुनक्कों को कालीमिर्च के साथ घोटकर सेवन करने से पथरी में लाभ मिलता है।
अखरोट फायदेमंद:
1. अखरोट को छिलके समेत पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से 1-1 चम्मच चूर्ण ठंड़े पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से पथरी रोग ठीक हो जाता है।
2. अखरोट को कूटकर और छानकर चूर्ण बना लें।
3. इसमें से एक-एक चम्मच चूर्ण सुबह-शाम ठंड़े पानी के साथ कुछ दिनों तक नियमित रूप से सेवन करने से पथरी मूत्र-मार्ग से निकल जाती है।
सोंठ है अच्छी:
1. सोंठ 4 ग्राम, वरना 4 ग्राम, गेरू 4 ग्राम, पाषाण भेद 4 ग्राम तथा ब्राह्मी 4 ग्राम को एकसाथ मिलाकर काढ़ा बना लें।
2. इस काढ़े में आधी चुटकी जवाखार मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीयें। इससे पथरी गलकर निकल जाती है।
पाषाण भेद का इस्तेमाल:
1. पाषाण भेद 3 ग्राम, वरना की छाल 3 ग्राम, गोखरु की छाल 3 ग्राम, एरण्ड की जड़ 3 ग्राम, भटकटैया 3 ग्राम तथा लाल मखान को मिलाकर महीन पीसकर चूर्ण बना लें।
2. इसमें से 2-2 चूटकी चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से पथरी जल्दी गलकर निकल जाती है।
3. 10 से 20 ग्राम की मात्रा में पाषाण भेद को प्रतिदिन सुबह-शाम लेने से पथरी रोग ठीक हो जाता है।
त्रिफला अपनाये:
1. साठी की जड़, पाषाण भेद व गोखरु 6-6 ग्राम, त्रिफला 15 ग्राम, तथा अमलतास का गूदा 10 ग्राम को लेकर 500 मिलीलीटर पानी में उबालें।
2. 100 मिलीलीटर पानी शेष रहने पर उसे छानकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीयें। इसे पथरी घुलकर निकल जाती है।
मक्का फाइबर युक्त:
1. मक्के को तथा जौ को अलग-अलग जलाकर भस्म (राख) बनाकर पीस लें तथा अलग-अलग बर्तन में रखें।
2. प्रतिदिन सुबह मक्के की दो चम्मच भस्म (राख) एक कप पानी में मिलाकर पीयें तथा शाम को जौ भस्म (राख) 2 चम्मच एक कप पानी में मिलाकर पीयें। इससे पथरी गलकर निकल जाती है।
आंवला अत्यंत फायदेमंद:
1. सूखे आंवले का चूर्ण बनाकर मूली के रस के साथ मिलाकर खाने से मूत्राशय की पथरी ठीक हो जाती है।
2. आंवल का चूर्ण मूली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी में लाभ होता है।
सूखा धनिया भी अच्छा:
1. 50 ग्राम सूखा धनिया, 50 ग्राम सौंफ तथा 50 ग्राम मिश्री को 1.5 लीटर पानी में सुबह के समय भिगो दें तथा शाम को छानकर पीस लें।
2. फिर इसी पानी में इसे घोलकर और छानकर पीयें। इस प्रकार से सुबह-शाम इसका सेवन करने से पथरी में लाभ मिलता है।
3. 20 ग्राम धनिये को एक लीटर पानी में डालकर उबालें, फिर इसे छानकर मूली को पीसकर उसका रस इसमें मिला दें। फिर इसमें सेंधानमक मिलाकर एक बोतल में भर दें।
4. इस बोतल को 8 दिन तक धूप में रखें। इसमें से 4 चम्मच रस सुबह-शाम पानी के साथ लेने से पथरी गलकर मूत्र के साथ निकल जाती है।
नारियल प्रयोग में लाये:
1. लगभग 10 ग्राम नारियल के फूल को पानी के साथ मसलकर चटनी बना लें।
3. इसमें थोड़ी सी मात्रा में यवक्षार मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करें, इससे पेशाब खुलकर आता है तथा मूत्राशय की पथरी गलकर निकल जाती है।
4. नारियल का पानी पीते रहने से पथरी मूत्र के द्वारा कटकर बाहर निकल जाती है।
गोक्षुरफल है उपयोगी:
1. गोखरू के 3 से 4 ग्राम चूर्ण को शहद में मिलाकर सुबह शाम चाटे और ऊपर से एक छोटी ग्लास भेड़ के दूध पी ले।
2. इस तरह सात आठ दिनों में पथरी गल कर निकल जायेगी
3. दूसरी विधि एक लीटर पानी में 50 ग्राम गोखरू को मोटा कूट कर उबाले जब आधा रह जाए टी इसमें 50 ग्राम मिश्री और 10 ग्राम यवक्षार की मिला कर उसका कुल चार मात्रा बनाले और उसे सुबह दोपहर शाम और रात को दे ।
4. इस तरह कुछ दिनों के प्रयोग से पथरी गल कर निकल जायेगी ।
जौ का इस्तेमाल:
1. जौ का पानी पीने से पथरी निकल जाती है। पथरी के रोगियों को जौ से बनी चीजें, जैसे-रोटी, जौ का सत्तू लेना चाहिए।
2. इससे पथरी निकलने में लाभ मिलता है तथा पथरी बनती भी नहीं है। आंतरिक बीमारियों और आंतरिक अवयवों की सूजन में जौ की रोटी खाना लाभकारी होता है।
3. 1 ग्राम जवाखार को घी के साथ चाटने के 5-6 मिनट के बाद ठंड़ा पानी या लस्सी पीने से पेशाब की जलन और पथरी रोग ठीक हो जाता है।
नींबू और जैतून से उपचार:
Lemon Juice and Olive Oil – निम्बू और जैतून के तैल का उपयोग खास कर पित्ताशय (gallbladder) में किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग पथरी में भी किया जा सकता है |
यह पथरी निकालने के लिए उन असरकारी घरेलु उपाय में से एक हैं जिससे पथरी के पत्थर बड़ी जल्दी से ख़त्म हो जाते है इसलिए इस घरेलु नुस्खे को पथरी के उपचार के लिए ख़ास माना जाता है |
चार चम्मच ताज़ा Lemon juice लें
और फिर इतनी ही मात्रा में Olive Oil लें
इसके बाद इन दोनों में थोड़ा पानी मिलाये और अच्छे से Mix कर लें
इस नुस्खे का उपयोग लगातार तीन दिन तक नियमति रूप से दिन में 2 से 3 बार करे. अगर यह नुस्खा 4-5 दिन में पथरी को बाहर निकालना शुरू न करे तो फिर दूसरे नुस्खे का उपयोग करे |
Warning : अगर आपको ज्यादा बड़ी पथरी की शिकायत है तो यह उपाय आपकी मदद नहीं कर पायेगा. इसलिए इस घरेलु उपाय का उपयोग सिर्फ वही करे जिनके पथरी छोटी हो ||
यह भी देखें :-
- मुंह के छालों से बचने के लिए घरेलू उपाय
- स्वास्थ्य से जुड़े आयुर्वेदिक दोहे...
- एलर्जी से निजात पाने के लिए रामबाण नुक्से...
- पेट दर्द से राहत के लिए घरेलू नुस्खे??
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- सर दर्द से राहत के लिए देसी इलाज
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